दरअसल आरबीआई को यह निर्णय इसलिए करना पड़ा कि लॉकडाउन के जारी रहने से लोगों की आय का फ्लो फिर से सुचारू नहीं हो पाया है। लोग ईएमआई मॉरेटोरियम की मौजूदा 31 मई तक की अवधि के खत्म होने के बाद मौजूदा परिस्थिति में अपना कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं होंगे। इसलिए मॉरेटोरियम को और तीन माह तक बढ़ाना पड़ा। यह कर्ज लेने वालों और बैंकों दोनों के लिए इस मुश्किल वक्त में मददगार रहेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 27 मार्च को बैंकों व वित्तीय संस्थानों को 1 मार्च 2020 तक बकाया सभी टर्म लोन्स लेने वालों को EMI के भुगतान पर 3 माह का मोरेटोरियम उपलब्ध कराने को कहा था। इस विकल्प में ग्राहक मार्च, अप्रैल और मई माह की अपनी EMI चाहें तो होल्ड कर सकते हैं। हालांकि EMI स्थगन के इन तीन महीनों की अवधि के दौरान ब्याज लगता रहेगा, जो बाद में एक्स्ट्रा EMI के तौर पर देना होगा। जो ग्राहक अपनी EMI होल्ड नहीं करना चाहते, उन्हें कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। उनकी EMI वैसे ही कटती रहेगी, जैसे कट रही थी।