🔺 उल्हासनगर में नए मरीज 286, एक्टिव मरीज 1805 ,
कोरोना मुक्त 2328, मृत्यु 67, कुल संख्या 4200
🔺 अंबरनाथ में नए मरीज 100, एक्टिव मरीज 425,
🔺 बदलापुर में नए मरीज 41, एक्टिव मरीज 659,
कोरोना मुक्त 714, मृत्यु 20, कुल संख्या 1393
🔺 कल्याण-डोंबिवली में नए मरीज 661, एक्टिव मरीज 6269,
कोरोना मुक्त 2328, मृत्यु 67, कुल संख्या 4200
🔺 अंबरनाथ में नए मरीज 100, एक्टिव मरीज 425,
कोरोना मुक्त 2161, मृत्यु 88, कुल संख्या 2674
🔺 बदलापुर में नए मरीज 41, एक्टिव मरीज 659,
कोरोना मुक्त 714, मृत्यु 20, कुल संख्या 1393
🔺 कल्याण-डोंबिवली में नए मरीज 661, एक्टिव मरीज 6269,
कोरोना मुक्त 6355, मृत्यु 189, कुल संख्या 12,813
युसूफ शेख । हीरो बोधा
युसूफ शेख । हीरो बोधा
उल्हासनगर में नहीं हो रहा लाॅकडाऊन का पालन
उल्हासनगर। शहर में कुल कोरोना ग्रस्त मरीजों का आकड़ा 4 हजार पार कर गया है। रविवार को 286 नए पाॅजिटीव मरीज मिलने से मरीजों की कुल संख्या अब 4200 हो गई है। जिससे लाॅकडाऊन की बची कुची उम्मीद भी खत्म होती जा रही है। शहर में एक्टिव मरीजों की संख्या 1805 है। आज 136 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं जिससे कोरोना मुक्त मरीजों की संख्या 2328 हो गई हैं। वहीं आज चार मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 67 हो गई है।
उल्हासनगर महानगरपालिका क्षेत्र में 12 से 22 जुलाई तक पूर्ण लाॅकडाऊन की अवधि इसलिए बढ़ा दी गई है ताकि कोरोना की चेन टूटे और मरीजों की संख्या में कमी आए लेकिन पिछले 10 दिनों में मरीजों की संख्या दोगुना हो गई है। 2 हजार से 4 हजार तक मरीज इन 10 दिनों में हुए हैं। इसमें जितनी लापरवाह प्रशासन है उतनी ही लापरवाह और बेपरवाह शहर की जनता भी है क्योंकि ज्यादातर जनता को लग रहा है कि फेक यानि प्रशासन झूठे मामले दिखा रहा है और कोरोना टेस्टींग में झोल है। लेकिन अस्पतालों में मरीजों की हालत देखकर ऐसा लग नहीं रहा कि फेक केसेस है हां इतना जरूर है कि कुछ टेस्टों में गड़बड़ीयां हो सकती है आरोग्य सेवा निचले दर्जे की मिल रही है लेकिन लोगों की हो रही मौतें और मरीजों की हालत कोरोना का सच बयान करती है जो नेता व नगरसेवक इस कठिनाई से होकर आए हैं वो इसका बयां कर सकते हैं। शहरवासियों को पूरा ज्ञान नहीं होने के कारण लोग लाॅकडाऊन को गंभीरता से न लेकर उसका पालन नहीं कर रहे हैं और बाहर निकल रहे हैं बिना कारण जो एक वजह है शहर में मरीजों के बढ़ने की। यह रोग अब कम्यूनिटी में घुस चुका है। कैम्प 1 से 5 तक हर परिसर इस रोग से अछूता नहीं है। इसे रोकने के लिए लाॅकडाऊन की नहीं लोगों के सतर्कता की जरूरत है। कई लोग इस बीमारी से डरे हुए हैं हालांकि शहर के आधे मरीज ठीक भी हो रहे हैं। इसलिए डरे नहीं बस सतर्क रहे। शहर में लाॅकडाऊन का भारी विरोध हो रहा है क्योंकि आर्थिक संकट से लोग परेशान हैं और ना ही लाॅकडाऊन का पालन हो रहा है। 23 जुलाई को शहर खोलने की अपील बुद्धजीवियों ने की है। लाॅकडाऊन का समर्थन करने वाले टीओके ने भी अब यू टर्न लेते हुए विरोध शुरू कर दिया है। कालानी खेमे से व्यापारी सेल्फ लाॅकडाऊन के कारण नाराज देखे गए। क्योंकि जबर्दस्ती दुकानें टीओके कार्यकर्ताओं ने बंद करवाई थी। जबकि लाॅकडाऊन का फैसला तब भी शासकीय था और अब भी शासकीय है तो फिर सेल्फ लाॅकडाऊन का नाटक करने की क्या आवश्यकता थी। अब हाऊस टैक्स व बिजली बिल माफ करने पर राजनैतिक पार्टियों को जोर डालना चाहिए। शहर में एकमात्र पक्ष मनसे द्वारा प्रशासन की पोल खोलती नजर आ रही है। शहर में मृतकों की संख्या बढ़ते देख पालक मंत्री ने शहर की चारों श्मशान भूमि में डिझेल शवदाहिनी लगाने का आदेश जिलाधिकारी को दिया है।
अंबरनाथ शहर में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है। शनिवार तक 84 मरीजों की अंबरनाथ नपा के अनुसार मौत हो चुकी है। बदलापुर और उल्हासनगर के मुकाबले में अंबरनाथ में मृत्यु दर ज्यादा है। बदलापुर में 1352 में से 20, उल्हासनगर में 3914 में से 63 की मृत्यु हुई है तो अंबरनाथ में 2574 मरीजों में 84 मरे हैं लेकिन रिकवरी रेट में जरुर सुधार आया है। अंबरनाथ नपा प्रशासन सही मौत के आंकड़ों को भी छुपा रहा है। अंबरनाथ के पूर्व नगरसेवक सुभाष सालुंखे ने भी शहर में कोरोना बाधित से मरने वाले आंकड़ों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सस्पेक्टेड या गैर कोविड 19 मरीजों की सही जांच व उपचार निजी या सरकारी अस्पताल में सही समय पर हुआ तो कुछ लोगों के प्राण बच सकते हैं। निजी अस्पतालों ने कोविड बाधित समझकर ही मरीज का उपचार करना चाहिए ऐसा उनका विचार है। शहर में रोजाना बड़ी संख्या में मौत हो रही है। पिछले वर्ष के मुकाबले में इस वर्ष मृत्यु दर ज्यादा है। एक हफ्ते के भीतर 20 से ज्यादा लोगों की मृत्यु कोरोना ससंर्ग से हुई है। मृत्यु दर 3.26 है। अंबरनाथ के दो कब्रस्तान में दफन करने के लिए जगह कम रह गई है। इसलिए एक मुस्लिम कमिटी खानका आरीफिया ने शहर में कब्रस्तान के लिए नई जगह दिए जाने की मांग विधायक किणीकर से की है। मुस्लिम जमात अंबरनाथ ने भी पालक मंत्री, सांसद, विधायक को पत्र देकर कहा है कि कब्रस्तान में जगह नहीं बची है। कब्रस्तान के लिए जगह दी जाए. अगर जल्द नहीं दी गई तो आंदोलन छेड़ने की बात उन्होंने कही है।
बदलापुर। कुलगांव-बदलापुर नगरपालिका क्षेत्र में आज 41 कोरोना ग्रस्त मरीज मिले हैं। जिससे शहर में मरीजों की संख्या अब 1393 हो गई है। यहां पर प्रशासन ने मृतकों की संख्या पर कंट्रोल कर लिया है। यहां 20 मरे हैं। यहां पर 741 ठीक होकर डिस्चार्ज किए गए हैं। 659 एक्टिव मरीज हैं। आज तक 2424 लोगों के स्वेब कलेक्शन करके चेक किए गए हैं। 166 रिपोर्ट की प्रतिक्षा है। 2130 को होम क्वारनटाईन किया गया है। 290 नपा के क्वारनटाईन सेंटर में है।
https://covid19-thane.github.io/ulhasnagarउल्हासनगर महानगरपालिका क्षेत्र में 12 से 22 जुलाई तक पूर्ण लाॅकडाऊन की अवधि इसलिए बढ़ा दी गई है ताकि कोरोना की चेन टूटे और मरीजों की संख्या में कमी आए लेकिन पिछले 10 दिनों में मरीजों की संख्या दोगुना हो गई है। 2 हजार से 4 हजार तक मरीज इन 10 दिनों में हुए हैं। इसमें जितनी लापरवाह प्रशासन है उतनी ही लापरवाह और बेपरवाह शहर की जनता भी है क्योंकि ज्यादातर जनता को लग रहा है कि फेक यानि प्रशासन झूठे मामले दिखा रहा है और कोरोना टेस्टींग में झोल है। लेकिन अस्पतालों में मरीजों की हालत देखकर ऐसा लग नहीं रहा कि फेक केसेस है हां इतना जरूर है कि कुछ टेस्टों में गड़बड़ीयां हो सकती है आरोग्य सेवा निचले दर्जे की मिल रही है लेकिन लोगों की हो रही मौतें और मरीजों की हालत कोरोना का सच बयान करती है जो नेता व नगरसेवक इस कठिनाई से होकर आए हैं वो इसका बयां कर सकते हैं। शहरवासियों को पूरा ज्ञान नहीं होने के कारण लोग लाॅकडाऊन को गंभीरता से न लेकर उसका पालन नहीं कर रहे हैं और बाहर निकल रहे हैं बिना कारण जो एक वजह है शहर में मरीजों के बढ़ने की। यह रोग अब कम्यूनिटी में घुस चुका है। कैम्प 1 से 5 तक हर परिसर इस रोग से अछूता नहीं है। इसे रोकने के लिए लाॅकडाऊन की नहीं लोगों के सतर्कता की जरूरत है। कई लोग इस बीमारी से डरे हुए हैं हालांकि शहर के आधे मरीज ठीक भी हो रहे हैं। इसलिए डरे नहीं बस सतर्क रहे। शहर में लाॅकडाऊन का भारी विरोध हो रहा है क्योंकि आर्थिक संकट से लोग परेशान हैं और ना ही लाॅकडाऊन का पालन हो रहा है। 23 जुलाई को शहर खोलने की अपील बुद्धजीवियों ने की है। लाॅकडाऊन का समर्थन करने वाले टीओके ने भी अब यू टर्न लेते हुए विरोध शुरू कर दिया है। कालानी खेमे से व्यापारी सेल्फ लाॅकडाऊन के कारण नाराज देखे गए। क्योंकि जबर्दस्ती दुकानें टीओके कार्यकर्ताओं ने बंद करवाई थी। जबकि लाॅकडाऊन का फैसला तब भी शासकीय था और अब भी शासकीय है तो फिर सेल्फ लाॅकडाऊन का नाटक करने की क्या आवश्यकता थी। अब हाऊस टैक्स व बिजली बिल माफ करने पर राजनैतिक पार्टियों को जोर डालना चाहिए। शहर में एकमात्र पक्ष मनसे द्वारा प्रशासन की पोल खोलती नजर आ रही है। शहर में मृतकों की संख्या बढ़ते देख पालक मंत्री ने शहर की चारों श्मशान भूमि में डिझेल शवदाहिनी लगाने का आदेश जिलाधिकारी को दिया है।
अंबरनाथ में मृत्यु दर पर ध्यान देने की जरूरत
अंबरनाथ। अंबरनाथ में शनिवार को 99 बाधित मिले थे। रविवार को 100 नए कोरोना बाधित मिले हैं। यहां पर कुल संख्या 2674 हो गई है। रविवार को भी चार की मौत हुई है। मृतकों की संख्या 88 हो गई है। रोजाना चार से छ लोगों की मौत हो रही है। ठीक होने वालों की संख्या समाधान कारक है। 80.81 प्रतिशत यानी 2161 रोगी अब तक ठीक हुए हैं। 15.89 प्रतिशत एक्टिव मरीज हैं। रोजोना शहर पूर्व में अब ज्यादा बाधित मिल रहे हैं। 100 में से 68 बाधित शहर पूर्व से मिले है, पश्चिम से 32 मिले हैं। बी कैबिन रोड आस पास के परिसर से 11 रोगी मिले हैं। लाॅकडाऊन के बावजूद शहरवासी रविवार को बहुत ज्यादा संख्या में घरों से बाहर निकले। मांस, मछली, भाजीपाला खरीदने वाले यहां वहां हाथ में थैली लिए घूम रहे थे। सोशल डिस्टेंसींग नहीं, मास्क मुंह पर नहीं, प्रशासन से लोग कंट्रोल में नहीं आ रहे हैं। लोग समझ नहीं रहे हैं और घरों से बाहर निकलकर कोरोना फैलानेे एवं अपने घर कोरोना को ले जाने का काम कर रहे हैं।अंबरनाथ शहर में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है। शनिवार तक 84 मरीजों की अंबरनाथ नपा के अनुसार मौत हो चुकी है। बदलापुर और उल्हासनगर के मुकाबले में अंबरनाथ में मृत्यु दर ज्यादा है। बदलापुर में 1352 में से 20, उल्हासनगर में 3914 में से 63 की मृत्यु हुई है तो अंबरनाथ में 2574 मरीजों में 84 मरे हैं लेकिन रिकवरी रेट में जरुर सुधार आया है। अंबरनाथ नपा प्रशासन सही मौत के आंकड़ों को भी छुपा रहा है। अंबरनाथ के पूर्व नगरसेवक सुभाष सालुंखे ने भी शहर में कोरोना बाधित से मरने वाले आंकड़ों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सस्पेक्टेड या गैर कोविड 19 मरीजों की सही जांच व उपचार निजी या सरकारी अस्पताल में सही समय पर हुआ तो कुछ लोगों के प्राण बच सकते हैं। निजी अस्पतालों ने कोविड बाधित समझकर ही मरीज का उपचार करना चाहिए ऐसा उनका विचार है। शहर में रोजाना बड़ी संख्या में मौत हो रही है। पिछले वर्ष के मुकाबले में इस वर्ष मृत्यु दर ज्यादा है। एक हफ्ते के भीतर 20 से ज्यादा लोगों की मृत्यु कोरोना ससंर्ग से हुई है। मृत्यु दर 3.26 है। अंबरनाथ के दो कब्रस्तान में दफन करने के लिए जगह कम रह गई है। इसलिए एक मुस्लिम कमिटी खानका आरीफिया ने शहर में कब्रस्तान के लिए नई जगह दिए जाने की मांग विधायक किणीकर से की है। मुस्लिम जमात अंबरनाथ ने भी पालक मंत्री, सांसद, विधायक को पत्र देकर कहा है कि कब्रस्तान में जगह नहीं बची है। कब्रस्तान के लिए जगह दी जाए. अगर जल्द नहीं दी गई तो आंदोलन छेड़ने की बात उन्होंने कही है।
बारवी डैम में 44.40 प्रतिशत तक भरा,
डैम परिसर में बारिश रुकी
अंबरनाथ। अंबरनाथ, उल्हासनगर, बदलापुर और कई शहरों को जलापूर्ति करने वाले बारवी डैम के आस पास कम बारिश हुई है। इस डैम में 44.40 पानी एकत्रित हो गया है। लाखों लोगों को जलापूर्ति करने वाले इस डैम पर बारिश के दिनों में खास ध्यान रहता है। लोग ये जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि डैम भरा या नहीं। 12 जुलाई सुबह तक बारवी डैम में 150.43 एमसीएम पानी है। ऐसी जानकारी डैम की देखरेख करने वाले अभियंता कुंभार ने दी है। आज तक यहां 620.50 एमएम बरसात हुई है। कुछ दिनों से यहां कम बरसात हो रही है। जुलाई अखेर या अगस्त माह में ये डैम ओवर फ्लो हो जाता है। डैम की ऊंचाई 72.60 है लेकिन 63.70 मीटर तक पानी का जमाव किया जाता है। इस डैम की पानी एकत्रित करने की क्षमती 33.84 दशलक्ष घन मीटर है। डैम के आस पास पानी कचमेंट एरिया बनाए गए हैं। शनिवार को यहां पर बारिश ने विश्रांती ली है। इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण अनेक कंपनियों के बंद होने के कारण जून आखिर तक अच्छा पानी डैम में जमा रहने के कारण राजकारण गरम नहीं हुआ लेकिन मजीप्रा का सही नियोजन ना होने के कारण शहर वासियों को गर्मी में पानी की परेशानी हुई है। अभी भी केवल डेढ से दो घंटा ही पानी की आपूर्ति की जा रही है जबकि डैम में पानी अच्छा खासा जमा है।डैम परिसर में बारिश रुकी
बदलापुर में आज मिले 41 पाॅजिटीव
कल्याण-डोंबिवली में आज 661 मरीज संक्रमित
कल्याण। कल्याण डोम्बिवली महानगरपालिका में कोरोना संक्रमितों की संख्या में प्रतिदिन नया रिकॉर्ड बनाते ही जा रहा है आज कुल 661 कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि की गई जिसके साथ ही कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 12,813 तक जा पहुची है इनमें 6269 मरीजों का उपचार चल रहा है तो वहीं 6355 मरीज डिस्चार्ज हो चुके है वही आज 8 लोगों की मौत हो गयी इस आंकड़े के बाद मरनेवालों की संख्या बढ़कर 189 हो गयी है । तेजी से बढ़ रहे कोरोना के आकड़ो के सामने मनपा के सारे कार्य विफल होते जा रहे है इन आकड़ो को देखकर यह प्रतीत होता है कि अब कोरोना कम्युनिटी स्प्रैड की श्रेणी में आ चुका है जिसके कारण इसपर रोक लगा पाना मनपा के लिए भी मुश्किल होता जा रहा है वही लाकडाउन का भी कोई खासा असर कोरोना की संख्या पर नही पड़ रहा है अगर लाॅकडाउन में यह स्थिति है तो लाॅकडाउन नहीं होता तो शायद यहां की स्थिति और भी भयावह होती ।
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https://www.covid19india.org/
https://www.covid19india.org/state/MH
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