अगर आप विंडोज फोन चलाते हैं तो आपके लिए यह अहम खबर है। मोबाइल संचालक प्रणाली (ओएस) माइक्रोसॉफ्ट विंडोज दिसंबर से काम करना बंद कर देगी। माइक्रोसॉफ्ट ने अपने उपयोगकर्ताओं को सलाह भी दी है कि वे एंड्रॉयड या आईओएस ओएस वाले डिवाइस को अपना लें। यानी उपयोगकर्ताओं को अपना विंडोज फोन बदला होगा। आइए जानते हैं कि माइक्रोसॉफ्ट के इस कदम के पीछे क्या कारण है और इसका कितना असर विंडोज फोन उपयोगकर्ताओं पर पड़ेगा..
दिग्गज आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने आधिकारिक रूप से बयान जारी करके अपने कदम की पुष्टि कर दी। काफी समय से माइक्रोसॉफ्ट अपने विंडोज फोन के लिए अपडेट नहीं ला रही थी। जिससे जानकार अंदाजा लगा रहे थे कि माइक्रोसॉफ्ट इसे बंद कर देगी।
दस दिसंबर से बंद हो जाएगी सेवा
'एंड ऑफ सपोर्ट' नाम के पेज पर माइक्रोसॉफ्ट ने लिखा है कि विंडोज 10 मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में सपोर्ट को समाप्त कर दिया जाएगा। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि दस दिसंबर, 2019 से कंपनी सिक्योरिटी अपडेट, नॉन सिक्योरिटी हॉटफिक्सिस, फ्री असिस्टेड सपोर्ट ऑप्शन या टेक्निकल कन्टेंट अपडेट भेजना बंद कर देगी।
बंद होने तक रहेगी अपडेट की दिक्कत
कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि दस दिसंबर तक भी सिर्फ कुछ ही विंडोज फोन को अपडेट भेजे जाएंगे, अधिकतर फोन पर उससे पहले ही अपडेट भेजना बंद हो जाएगा। यानी सेवा बंद होने की तारीख के पहले से ही विंडोज 10 मोबाइल उपयोगकर्ताओं को अपडेट संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
एक समय प्रतिद्वंदी थे ब्लैकबेरी और आईफोन
2010 में माइक्रोसॉफ्ट ने ऑपरेटिंग सिस्टम को अपग्रेड करके विंडोज फोन 7 लॉन्च किया था। उस समय कंपनी ने इस तरह के दावे किए थे, उसके आधार पर माना जा रहा था कि वह विंडोज फोन को दुनियाभर में लोकप्रिय बना देगी। नोकिया का अधिग्रहण करके माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज फोन भी बनाए पर वह प्रयास भी असफल रहा।
एप के खेल में हुआ फेल
विंडोज को ऑपरेटिंग सिस्टम के बाजार में कड़ी टक्कर एंड्रॉयड और आईओएस ने दी। विंडोज के पास इतने एप नहीं थे, जितने एंड्रॉयड और एप्पल के पास थे। ऐसे में विंडोज खुद को इस दौड़ में बनाए रखने के लिए जरूरी कदम नहीं उठा सकी। थर्ड पार्टी एप का इस प्लेटफॉर्म को बहुत साथ न मिलना भी इसके लिए नुकसानदायक साबित हुआ।