महानगरपालिका को लगी फटकार
उल्हासनगर। शहरवासियों को यह जानकारी होगी कि स्वर्गीय दादा हरदास ठारवानी ने सन 2013 में 19/2013 जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने सपना सिनेमा और होटल सैलेब्रिशन के विरुद्ध हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस संदर्भ में उल्हासनगर महानगरपालिका ने 24.5.2024 को सैलिब्रेशन इमारत और दो ब्रिज को तोड़ने का आदेश पारित किया था। इस आदेश के विरुद्ध महसूल व वन विभाग के सचिव के पास कोणार्क कंपनी ने अपील दाखिल की थी। इस मामले की सुनवाई आज बुधवार 9 अक्टूबर 2024 हाईकोर्ट में हुई। माननीय न्यायालय ने आदेश पर कहा कि दो इमारतों के बीच में बनाई गई ब्रिज जो दोनों अलग मालिकों की है वो कैसे कोई बना सकता है। माननीय उच्च न्यायालय ने महानगरपालिका को फटकार लगाते हुए कहा कि इस मामले को 12 वर्षों में क्यों नहीं पूरा किया गया। इसके साथ ही मंत्रालय के अपील अधिकारी को निर्देश दिया है कि 17 अक्टूबर 2024 तक इसी मामले में अंतिम निर्णय लिया जाएं और 24 अक्टूबर 2024 को इस निर्णय पर सुनवाई होगी। इस आदेश के बाद कोणार्क कंपनी की मुश्किल बढ़ गई है। सुना है कि इस संदर्भ में जहां यह इमारत बनी हुई है उस इमारत की सनद जांच के लिए पवाई स्थित उपविभागीय अधिकारी एसडीओ ने लिखित में दिया था कि हमारे कार्यालय से सीडी जांच के संदर्भ में कोई भी पत्र जारी नहीं किया गया है। स्वर्गीय दादा हरदास ठरवानी ने सत्र न्यायालय और मनपा आयुक्त को इस बात से अवगत भी कराया था। ऐसे में क्या इसमें धोखाधड़ी और नकली दस्तावेज का मामला भी सामने आएगा, यह देखना होगा। होटल सैलिब्रेशन के नीचे बनाए गए दुकानदारों ने भी उच्च न्यायालय के समक्ष इंटरवेंशन अपील दाखिल की थी और कहा था कि हमें भी सुना जाएं जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस मामले में कुछ दिनों पूर्व 4 सितंबर को तोड़क दस्ता तोड़ू कार्रवाई करने तो निकला था लेकिन किसी और अवैध निर्माण तोड़ने चला गया इस मामले में खबर मिली है कि मनपा आयुक्त ने संबंधित अधिकारी को शोकास नोटिस भी जारी किया है। अब देखना होगा मनपा आयुक्त श्री विकास ढाकणे क्या निर्णय लेते हैं क्योंकि सुना है कि उन्होंने भी कानूनी पढ़ाई की हुई है।