उल्हासनगर के गोल मैदान परिसर में गुंडागर्दी चरम पर, उल्हासनगर में नए मरीज 07, एक्टिव 124, अंबरनाथ में नए मरीज 10, एक्टिव 100
🔺 उल्हासनगर में नए मरीज 07, एक्टिव मरीज 124
कोरोना मुक्त 10,906, मृत्यु 362, कुल संख्या 11,392
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🔺 उल्हासनगर में नए मरीज 07, एक्टिव मरीज 124
कोरोना मुक्त 10,906, मृत्यु 362, कुल संख्या 11,392
🔺 उल्हासनगर में नए मरीज 14, एक्टिव मरीज 144
कोरोना मुक्त 10,880, मृत्यु 361, कुल संख्या 11,385
महाराष्ट्र के निगरानी कार्यालय प्रदीप आवटे ने कहा है कि "ब्रिटेन से लौटने वाले 4,474 लोग जो 15 नवंबर और 23 दिसंबर के बीच उतरे थे उनका पता लगा लिया गया है और उनमें 3,278 लोगों का आरटी-पीसीआर परीक्षण भी किया गया है, जिनमें से 68 नमूने सकारात्मक पाए गए, लेकिन वे अभी तक नए संस्करण से संक्रमित नहीं पाए गए हैं।"
सकारात्मक परीक्षण करने वालों के नमूने पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) को भेजे गए थे ताकि पता लगाया जा सके कि वे किस प्रकार के वायरस से संक्रमित हैं। 68 कोविड -19 सकारात्मक यात्रियों में से छह के नतीजे आने अभी बाकी हैं। इन कोविज -19 सकारात्मक यात्रियों में से 29 मुंबई से, 13 पुणे से, सात ठाणे से, नौ नागपुर से, दो प्रत्येक नासिक, औरंगाबाद, रायगढ़, बुलढाणा से और एक-एक नांदेड़ और वाशिम से हैं।
राज्य सरकार ने कोविड -19 के नए उत्परिवर्ती की खोज के बाद प्रशासन को अलर्ट पर रखा है, माना जाता है कि पिछले सभी उपभेदों की तुलना में बहुत अधिक संक्रामक है। राज्य सरकार ने सकारात्मक परीक्षण करने वालों के संपर्कों में आए लोगों को ट्रेस करना शुरू कर दिया है। डॉ अवेट ने कहा, "हमने 426 लोगों का पता लगाया है जो यूके से लौटे लोगों के संपर्क में आए हैं और कोविड -19 संक्रमण के साथ पॉजिटिव पाए गए हैं और उनमें से 26 लोग पॉजिटिव हैं।"
🔺 उल्हासनगर में नए मरीज 20, एक्टिव मरीज 158
कोरोना मुक्त 10,852, मृत्यु 361, कुल संख्या 11,371
लोग नशे और शराब की लत को लेकर कुछ भी कहें लेकिन शराब और जश्न अब एक ही सिक्के दो पहलू हो चुके हैं हो। थर्टी फस्ट के जश्न पर पूरी तरह रोक के बावजूद इतनी मात्रा में शराब बिकना हैरान करने वाला है। वो भी तब जब पूरे प्रदेश में तमाम शराब की दुकानें रात 8 बजे से पहले बंद हो गई हों। ऐसे में आबकारी विभाग को भी उम्मीद नहीं थी कि, इतनी मात्रा में शराब बिकेगी और राजस्व मिलेगा। पूरे राजस्थान में इस बार लगभग 70 करोड़ रुपए की शराब एक दिन में बिकी। हालांकि, ये पिछले साल (31 दिसंबर 2019) की तुलना में 30 फीसदी कम है। कोरोना काल और नाइट कर्फ्यू के कारण इस बार राजस्थान में देशी-विदेशी पर्यटक नहीं आए। जो आये भी उन्होंने भी नाईट कर्फ्यू के चलते अपना प्लान कैंसिल कर दिया और अपने घर को लौट गए। वरना, हज़ारो की तादात में लोग प्रदेश में न्यू इयर का सेलिब्रेशन मनाने और घूमने आते हैं। पर्यटकों के कारण होटल, रेस्टोरेंट्स और बार में शराब की बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में 31 के दिन बढ़ जाती है, लेकिन इस बार ये सब देखने को नहीं मिला। साल 2019 की बात करें तो उस समय 31 दिसंबर 2019 की रात तक पूरे प्रदेश में 1 अरब 4 करोड़ की शराब बिकी थी। वहीं उस साल, आबकारी विभाग ने होटल, रेस्टोरेंट और क्लबों में पार्टियां में शराब परोसने के लिए अस्थाई लाइसेंस भी जारी किए थे, जिससे भी विभाग को आय हुई थी।
लखवी मुंबई हमला मामले में 2015 से ही जमानत पर था। उसे आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) ने गिरफ्तार किया। बहरहाल, सीटीडी ने उसकी गिरफ्तारी कहां से हुई, इस बारे में नहीं बताया है। इसने कहा, सीटीडी पंजाब द्वारा खुफिया सूचना पर आधारित एक अभियान में प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी जकी-उर-रहमान लखवी को आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया।
इसने बताया कि लखवी (61) को लाहौर के सीटीडी थाने में आतंकी वित्त पोषण से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया। सीटीडी ने कहा, लखवी पर एक दवाखाना चलाने, जुटाए गए धन का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्त पोषण में करने का आरोप है। उसने और अन्य ने इस दवाखाने से धन एकत्रित किएए और इस धन का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्त पोषण में किया।
उसने इस धन का इस्तेमाल निजी खर्च में भी किया। सीटीडी ने कहा कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर- ए- तैयबा से जुड़े होने के अलावा वह संयुक्त राष्ट्र की तरफ से घोषित आतंकवादियों की सूची में भी शामिल है। इसने कहा, उसके खिलाफ मुकदमा लाहौर में आतंकवाद निरोधक अदालत में चलेगा।
26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। इस आतंकी हमले को 12 साल हो गए हैं लेकिन यह भारत के इतिहास का वो काला दिन है जिसे कोई भूल नहीं सकता। हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। मुंबई हमले को याद करके आज भी लोगों को दिल दहल उठता है। आतंकी हमले को लेकर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब में दावा किया है कि साल 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले को लश्कर 'हिंदू आतंकवाद' के तौर पर दिखाना चाहता था। इसके अलावा आतंकी कसाब को वह बेंगलुरु के समीर चौधरी के तौर पर मारना चाहता था।
राकेश मारिया ने अपनी किताब 'लेट मी से इट नाउ' में मुंबई हमले समेत कई अन्य मामलों पर भी बड़े दावे किए हैं। किताब के अनुसार, आईएसआई और लश्कर आतंकी कसाब को जेल में ही खत्म करना चाहते थे और इसकी जिम्मेदारी दाउद इब्राहिम गैंग को दी थी। लश्कर के मुंबई हमले के बारे में बताते हुए मारिया ने किताब में लिखा है, 'अगर सबकुछ योजना के अनुसार चलता तो कसाब चौधरी के तौर पर मरता और हमले के पीछे 'हिंदू आतंकवादियों' को माना जाता।'