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प्रशासन की लापरवाही से उल्हासनगर में अब तक 497 मरीज, नर्सों का हल्ला बोल

* 15 नए मरीज, 253 एक्टिव मरीज, 224 कोरोना मुक्त, 20 की मौत
* कोविड अस्पताल की नर्सों को नहीं मिल रहा खाना व अन्य व्यवस्था
* मनपा आयुक्त की बेरुखी, नहीं मिले कोरोना यौद्धा नर्सों से
* आयुक्त के इस रवैये से बढ़ रहे हैं शहर में कोरोना मरीज
उल्हासनगर। हीरो बोधा
   
   उल्हासनगर शहर में शनिवार को कोरोना के 15 नए मरीजों की वृद्धि हुई है। इसी के साथ शहर में अब तक 497 मरीज हो चुके हैँ। जिसमें से 224 मरीज कोरोना मुक्त होकर अपने घर लौटे हैं, 20 लोगों की कोरोना से मौत हुई है और 253 एक्टिव मरीजों का ईलाज शहर के कोविड अस्पताल व सेंटर में हो रहा है। आज जिन परिसर से कोविड19 के मरीज मिले हैं उनमें उल्हासनगर-3 ब्राम्हणपाड़ा से 2, आनंद नगर से 1, सपना गार्डन परिसर से 1, हिरा मैरेज हाल के पास से 1, उल्हासनगर-1 गोल मैदान के पास से 1, साधुबेला स्कूल परिसर से 1, उल्हासनगर-2 नेहरू चौक परिसर से 1, उल्हासनगर-4 लाल चक्की से व लाल चक्की स्टेशन रोड से 3 मरीज, मराठा सेक्शन 32 से 1, सुभाष टेकड़ी से 1, उल्हासनगर-5 पोस्ट आफीस के पास 1, सेक्शन 37 से 1 इस तरह आज कुल 15 मरीज मिले हैं सभी को कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां पर 58 मरीजों का ईलाज चल रहा है कामगार अस्पताल में 37, आंबेडकर कोविड सेंटर में 108, टेऊराम सेंटर में 7, ठाणे में 4, कल्याण में 3, भिवंडी में 1, मुंबई में 5, रिलायंस वाशी में 8, सेंट्रल पार्क 21 मरीजों का ईलाज चल रहा है। आईसीयु में 18 मरीज जो ज्यादातर वरिष्ठ नागरिक है उनके लिए अस्पताल में सुविधाओं का आभाव है।
   उल्हासनगर शहर में कोरोना ग्रस्त मरीजों की संख्या 500 पार होने पर है, लेकिन उन कोरोना ग्रस्त मरीजों की रक्षा करने वाली नर्सों ने शनिवार को मनपा मुख्यालय पर हल्ला बोल कर आयुक्त से भेंट करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कोरोना योद्धाओं से मिलने से मना कर दिया। बताया गया है कि पिछले करीब 2 महिने पूर्व उल्हासनगर-4 कोविड अस्पताल की स्थापना की गई जहां कोरोना ग्रस्त मरीजों की देखरेख के लिए नर्सों की नियुक्ति की गई थी। यह नर्से मुरबाड, नासिक, मुंबई, पनवेल आदि क्षेत्रों की निवासी है और यहां पिछले दो माह से काम कर रही है। पूर्व आयुक्त सुधाकर देशमुख ने उनके रहने व खाने पीने की व्यवस्था की थी। लेकिन जबसे नए आयुक्त उन्हाले ने कार्यभार संभाला है तबसे उन नर्सों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें समय पर खाना नहीं मिलता है और अगर मिल रहा है तो घटिया दर्जे का, पगार भी आधी मिल रही है, ना ही उनका कोरोना टेस्ट हो रहा है और अस्पताल हेतु सामग्री आदि मुहैया नहीं कराई जा रही है। गर्म पानी की सुविधा ना मरीजों के लिए है और ना ही उनके लिए। जिससे इन कोरोना यौद्धाओं के कोरोना की चपेट में आने के संकेत हैं अगर ऐसा हुआ तो शहर में कोरोना के मरीजों की रोकथाम कैसे होगी। नर्सों ने कहा कि कोविड अस्पताल में कोई सुविधा ना मरीजों के लिए है ना ही नर्स व अन्य स्टाॅफ के लिए। जिस होटल में उनके रहने की व्यवस्था की गई है उस होटल मालिक ने उन्हें बाहर जाने को कहा है। इन सारी शिकायतों को लेकर करीब 15 से 20 नर्सों व स्टाॅफ ने शनिवार को मनपा आयुक्त के पास पहुंची लेकिन आयुक्त ने उनसे मिलने के लिए मना कर दिया और कहा कि आरोग्य अधिकारी के पास अपनी शिकायतें दें। यह नर्से अपनी जान पर खेलकर शहर में कोरोना मरीजों का ईलाज कर रही है। लेकिन प्रशासन ना तो मरीजों को सुविधा दे हे हैं और ना ही इन कोरोना यौद्धाओं को। प्रशासन के बेरुखी की दस्तान नर्सों ने मीडिया को बताई और कहा कि हम इसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक करेंगे। इससे ऐसा प्रतित हो रहा है कि शहर में प्रशासन की लापरवाही से ही कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ी है क्योंकि अगर कोविड अस्पताल में ही प्रशासन सुविधा नहीं दे रहा है तो शहर की स्थिति को कैसे काबू करेंगे। उल्हासनगर के आंबेडकर कोविड सेंटर में सबसे ज्यादा मरीज है वहां पर दयनीय अवस्था है ना तो वहां साफ सफाई है और ना ही कोई व्यवस्था है। अब पता चला है कि कोविड मरीजों का ईलाज उनके ही घरों में करने को कहा गया है इससे अब रोग और भी बढ़ सकता है।
शहर में खुली आज पी-2 की दुकाने, मुख्य बाजारों को छोड़ हो रहा नियमों का उल्लंघन
उल्हासनगर शहर में अनलाॅक 1 के तहत आज पी-2 की दुकानें कैम्प 1 से 5 के मुख्य बाजारों में खुली होती दिखाई दी। दुकानदारों ने शिष्टबद्ध तरीके से सामाजिक दूरी का ख्याल रखते हुए अपना काम शुरू किया लेकिन मुख्य बाजारों को छोड़ अन्य रोड, गली कूचे व काम्पलेक्स में दोनों तरफा दुकानें बिंदास खुली हुई देखी गई। इतना ही नहीं इससे ज्यादा भीड़ के चलते सामाजिक दूरी का पालन भी होते दिख नहीं रहा था। कई जगहों पर वाईन शाॅप में काउंटर सेल चल रहा है यहां पर भी सामाजिक दूरी की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। उल्हासनगर शहर में अनलाॅक-1 में ट्रैफिक जाम हर सड़क पर देखा गया लेकिन ट्रैफिक पुलिस गायब रही। कई लोग बिना मास्क के भी देखे गए।
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