शहर में 2 से 12 जुलाई तक हुआ पूर्ण लॉकडाऊन
उल्हासनगर महानगरपालिका क्षेत्र में बुधवार को 68 नए मरीज मिले हैं जिससे शहर में कोरोना ग्रस्त मरीजों की कुल संख्या अब 1982 हो गई है। राहत की खबर यह है कि बुधवार को 40 मरीज कोरोना मुक्त होकर डिस्चार्ज हुए हैं जिससे कोरोना मुक्त मरीजों की कुल संख्या अब 1083 हो गई है। 851 एक्टिव मरीजों का ईलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। बुधवार को एक कोरोना ग्रस्त मरीज की मौत हुई है। जिससे मरने वालों की संख्या अब 48 हो गई है। वहीं उल्हासनगर मनपा प्रशासन बुधवार को 2 से 12 जुलाई तक पूर्ण लॉकडाऊन की घोषणा कर दी है। यह लॉकडाऊन 2 जुलाई की शाम 5 से 12 जुलाई की शाम 5 बजे तक होगा। इस लॉकडाऊन में शहर की किराणा दुकानें, भाजी, अंडे, फल, बेकरी, दूध, चिकन मटन की सुबह 9 से रात 9 बजे तक केवल होम डिलेवरी होगी। दूध डेयरी का काम सुबह 5 से सुबह 10 बजे तक होगा। शराब की दुकान सुबह 9 से शाम 5 बजे तक केवल होम डिलेवरी कर सकते हैं। वहीं रेस्टारेंट व किचन सुबह 10 से रात 10 बजे तक केवल होम डिलेवरी कर सकते हैं। मेडिकल स्टोर सुबह 9 से रात 9 बजे तक खुले रहेंगे। मास्क न पहनने पर एक हजार का जुर्माना मनपा द्वारा लगाया जाएगा।
उल्हासनगर। उल्हासनगर शहर में कोरोना के मरीज करीब 2 हजार तक पहुंच गए हैं जिसकी रोकथाम के लिए टीओके प्रमुख ओमी कालानी ने व्यापारियों से 1 से 7 जुलाई तक सप्ताह भर के लिए सेल्फ लॉकडाऊन की अपील की थी जिसका समर्थन यूटीए द्वारा भी किया गया। लेकिन मनपा आयुक्त डॉ. राजा दयानिधी ने सर्वपक्षीय बैठक में शहर में फिलहाल लॉकडाऊन नहीं होगा और जरूरत पडऩे पर शहर में लॉकडाऊन किया जाएगा ऐसा बयान दिया था। जिसके बावजूद बुधवार को शहर के व्यापारियों द्वारा खोली गई दुकानों को टीओके के कार्यकर्ताओं ने मोर्चा निकालकर नारेबाजी करते हुए दुकानों को जबरन बंद करवाकर अपने सेल्फ लॉकडाऊन को सफल बनाने का पूरा प्रयास किया लेकिन इस बंद का मिला जुला असर शहर में देखने को मिला। यूटीए से जुड़ी कई बाजारें पूरी तरह बंद देखी गई वहीं ज्यादातर दुकानें खुली अथवा बंद शटर के भीतर चल रही थी।
भाजपा जिलाध्यक्ष जमनू पुरस्वानी ने आरोप लगाया है कि जब व्यापारी प्रशासन के आदेशानुसार दुकानें खोलना चाहते हैं तो उनकी दुकानों को जबर्दस्ती शहर के 20 से 30 कार्यकर्ताओं द्वारा मोर्चा निकालकर क्यों बंद कराया गया? मोर्चे में सामाजिक दूरी की धज्जियां उड़ाकर माईक पर भाषण करके कानून व्यवस्था को हाथ में लिया गया है। जिससे आम व्यापारी काफी नाराज रहे। बंद के दौरान व्यापारियों का यही कहना था कि जिस तरह अंबरनाथ, कल्याण व ठाणे में मनपा व नपा प्रशासन ने पूर्ण लॉकडाऊन का आदेश निकाला है उसी आदेश के आधार पर ही हम दुकानें बंद अथवा खोलेंगे।
शहर के बुद्धजीवियों का कहना है कि राजनीति की आपसी रंजिश के कारण जबरदस्ती दुकानें बंद कराना शहर हित में नहीं है। शहर को इस समय कोरोना के मरीजों को नहीं मिल रही आरोग्य सेवा में सुधार की ज्यादा जरूरत है। इसलिए शहर में इस कोरोना संकट के दौरान सर्वपक्षीय नेताओं को एकत्रित होकर पुलिस व प्रशासन के सहयोग से शहर में सख्त लॉकडाऊन की मांग करें। बुधवार को सुबह 9 से शाम 5 बजे तक सब्जी मंडी चालू रही, रिक्शा चल रही थी, किराणा, मेडिकल, क्लिनिक की दुकानें पूरी तरह खुली हुई थी। पी-1 के तहत शहर के मुख्य बाजारों की दुकानें मोर्चे के दौरान बंद की गई बाद में खुली हुई पायी गई। टीओके का बंद पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाया जिससे टीओके कार्यकर्ता यह कहते सुने गए कि हमने अपने नेता के आदेश का पालन कर दुकानें बंद करवाई है जो हमें आधी रात को भी काम आता है और यह बंद शहर की सुरक्षा के लिए कराया गया है।