मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने झोपड़पट्टि क्षेत्र के विकास के लिए एक विशेष कोष बनाने का फैसला किया है। इस कोष के जरिये स्लम पुनर्विकास में जुटे डेवलपर्स को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस कोष में महाराष्ट्र सरकार करीब 700 से 1,000 करोड़ रुपये का योगदान देगी। यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जबकि घनी आबादी वाली देश की आर्थिक राजधानी में कोविड-19 संक्रमण के मामलों की संख्या 87,000 के पार पहुंच गई है। यहां अब तक यह महामारी 5,000 ये अधिक लोगों की जान ले चुकी है।
राज्य के आवास मंत्री जितेंद्र अव्हाड़ ने कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिये संवाददाताओं से कहा, ''हालिया कोविड-19 संकट के बाद मुंबई को स्लम-मुक्त करने की जरूरत महसूस हुई है। झोपड़पट्टियों में संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि इस महामारी से पहले से संकट से जूझ रहे आवास उद्योग और डेवलपर समुदाय की स्थिति और खराब हुई है। ऐसे में झोपड़पट्टी विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ा रहे बिल्डरों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना जरूरी है।
अव्हाड़ ने कहा, हमने स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) परियोजनाओं के लिए एक दबाव कोष के गठन का प्रस्ताव किया है। इसके जरिए हम बिल्डरों को बैंकों के जरिए वित्तपोषण प्राप्त करने में मदद कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी इस कोष के गठन के लिए भारतीय स्टेट बैंक और अन्य बैंकों से बातचीत चल रही है। शिवशाही पुनर्वासन प्रकल्प (एसपीपी) के तहत यह कोष बनाया जाएगा। राज्य इसमें 700 से 1,000 करोड़ रुपए का योगदान करेगा।