🔺 उल्हासनगर में नए मरीज 29, एक्टिव मरीज 533
कोरोना मुक्त 8998, मृत्यु 324, कुल संख्या 9855
30 करोड़ लोगों को सबसे पहले लगेगा टीका
एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार ने लगभग 30 करोड़ लोगों की पहचान करना शुरू कर दिया था, जिन्हें टीका तैयार होने पर सबसे पहले दिया जाएगा। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे- हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स, पुलिस, सैनिटेशन कर्मचारी वह लोग होंगे जिन्हें सबसे पहले कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक करीब 30 करोड़ लोगों के लिए 60 करोड़ टीके लगेंगे।
हेल्थ फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहले लगेगा टीका
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक बार टीके को मंजूरी मिल जाए तो उसके बाद टीके लगने शुरू हो जाएंगे। प्रॉयरिटी लिस्ट में चार कैटेगरीज हैं- जिनमें करीब 50 से 70 लाख हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स, दो करोड़ से ज्यादा फ्रंटलाइन वर्कर्स, 50 साल से ज्यादा उम्र वाले करीब 26 करोड़ लोग और ऐसे लोग जो 50 साल से कम उम्र के हैं मगर कई अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं।
पहले चरण में 23% आबादी होगी कवर
कोरोना वायरस टीकाकरण की योजना जो अभी फिलहाल मसौदे के चरण में है, उसका उद्देश्य पहले चरण में भारत की करीब 23% आबादी को कवर करना है। वैक्सीन को लेकर बने एक्सपर्ट ग्रुप ने प्लान का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। केंद्रीय एजेंसियों और राज्यों से भी इनपुट्स लिए गए थे। नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल की अगुवाई वाले इस ग्रुप ने जो प्लान बनाया है, उसके हिसाब से पहले चरण में देश की 23% आबादी को कवर कर लिया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसको लेकर अंतिम योजना अक्टूबर-नवंबर तक तैयार होने की संभावना है। कोरोना टीकाकरण के लिए पहले चरण में चयन किए जाने वाले 30 करोड़ लोगों को अनुमानित 60 करोड़ डोज दी जाएगी। गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि भारत को अगले साल जुलाई तक लगभग 25 करोड़ लोगों के टीकाकरण के लिए 50 करोड़ टीके की डोज मिलने की संभावना है। अधिकारियों ने कहा है कि भारत में 1.3 अरब लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाना एक बहुत बड़ा काम होगा जो 2022 तक भी खिंच सकता है।
देश में कोरोना वायरस के नए मामलों की संख्या में पिछले कुछ दिनों से कमी आ रही है। पहले जहां रोजाना 90 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे थे, वहीं अब रोजाना तकरीबन 65 हजार मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, एक्सपर्ट का मानना है कि आने वाले समय में संक्रमण की दूसरी लहर (वेव) दस्तक दे सकती है। इसका मतलब यह है कि आगामी सर्दी में एक बार फिर से देश में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी होने की आशंका है।
भारत में कोरोना वायरस के लिए बनी एक्सपर्ट कमेटी के प्रमुख और नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा, ''हम सर्दियों के मौसम में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से इनकार नहीं कर सकते हैं।'' उन्होंने बताया कि पिछले तीन हफ्तों में कोरोना वायरस के नए मामलों और मौतों की संख्या में गिरावट हुई है। वहीं, कोरोना वैक्सीन पर पॉल ने कहा कि एक बार टीका उपलब्ध होने के बाद, नागरिकों तक इसे पहुंचाने और इसे सुलभ बनाने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।
उन्होंने कहा कि पांच राज्य (केरल, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल) और 3-4 केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां पर संक्रमण के मामले अभी भी बढ़ रहे हैं। पॉल के अनुसार, भारत अब कुछ बेहतर स्थिति में है, लेकिन देश में अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है क्योंकि 90 प्रतिशत लोग अभी भी कोरोनावायरस संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील हैं।
एक्टिव मामलों की संख्या 8 लाख से कम
भारत में कोरोना वायरस के एक्टिव मामले लगातार कम हो रहे हैं। कोविड-19 का इलाज करा रहे रोगियों की संख्या रविवार को लगातार दूसरे दिन आठ लाख से कम रही। यह संख्या देश में कुल मामलों का 10.45 फीसदी है। आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल देश में कोविड-19 के 7,83,311 मरीजों का इलाज चल रहा है। संक्रमण से उबर चुके लोगों की संख्या 65,97,209 है, जो इलाज करा रहे रोगियों की संख्या से 58,13,898 अधिक है। देश में संक्रमण से उबरने की दर 88.03 प्रतिशत है।
एक दिन में 72 हजार लोग हुए ठीक
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, एक दिन में कुल 72,614 लोग कोरोना वायरस संक्रमण से उबरे हैं, जबकि इसी अवधि के दौरान 61,871 लोग संक्रमित पाए गए हैं। मंत्रालय ने बताया कि स्वस्थ हुए नए लोगों में से 79 फीसदी महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा से हैं। महाराष्ट्र में एक दिन में सबसे अधिक करीब 14,000 लोग संक्रमण से उबरे हैं।