🔺 उल्हासनगर में नए मरीज 19, एक्टिव मरीज 219
कोरोना मुक्त 10,115, मृत्यु 354, कुल संख्या 10,688
लॉकडाउन के लिए केंद्र की मंजूरी अनिवार्य
कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। नए नियमों के अनुसार दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और गोवा से मुंबई पहुंचने वाले लोगों के पास कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य है। रिपोर्ट न होने की स्थिति में सभी का कोरोना टेस्ट किया जाएगा।
बुधवार की सुबह से ही दादर रेलवे स्टेशन मुंबई में यात्रियों का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। RT-PCR टेस्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें घर जाने की अनुमति दी जा रही है। दो दिन पहले महाराष्ट्र सरकार ने अपनी नई गाइडलाइन में कहा था कि 25 नवंबर से बिना कोरोना टेस्ट अनिवार्य होगा। हवाई यात्रा से मुंबई पहुंचने वाले लोगों को 72 घंटे पहले कोरोना टेस्ट करवानी होगी और रिपोर्ट बोर्डिंग पर जमा करना होगा। वहीं रेल यात्रियों के लिए 96 घंटे पहले की रिपोर्ट चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो उनका RT-PCR टेस्ट होगा। इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी लोगों को नियमों के पालन करने का अनुरोध किया था। हालांकि राज्य सरकार धीरे-धीरे धील दे रही है।
राज्यों को रात के कर्फ्यू सहित स्थानीय प्रतिबंध लगाने की छूट
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, जो 1 दिसंबर से लागू होंगे। राज्यों को नाइट कर्फ्यू सहित स्थानीय प्रतिबंध लगाने का अधिकार दिया गया है। यह दिशा-निर्देश 31 दिसंबर तक लागू रहेंगे। गृह मंत्रालय का ओर से एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश राज्य की परिस्थिति के आकलन के आधार पर कोविड-19 को रोकने के संदर्भ में स्थानीय प्रतिबंधों को लागू कर सकती है, जिसमें नाइट कर्फ्यू शामिल हैं। हालांकि, राज्य और केंद्रशासित प्रदेश केंद्र सरकार के परामर्श के बिना कंटेनमेंट जोन के अलावा स्थानीय क्षेत्रों में लॉकडाउन नहीं कर सकते हैं। गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि स्थानीय जिला, पुलिस और नगर निगम के अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि निर्धारित रोकथाम उपायों का कड़ाई से पालन किया जाए।
दिशा निर्देशों में इस बात पर जोर दिया गया है कि कोरोना के खिलाफ अभियान में अब तक देश ने जो सफलता हासिल की है उसे बरकरार रखते हुए इसे और मजबूत बनाने के लिए कदम उठाए जाएं। इनमें जोर देकर कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन में सभी दिशानिदेर्शों को पूरी तरह से लागू किया जाए और वहां केवल अनिवार्य सेवाओं की गतिविधि की ही अनुमति दी जानी चाहिए।
कंटेनमेंट जोन के बाहर जाने और उनमें अंदर आने पर भी पूरी तरह से रोक लगाने को कहा गया है। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में भी विशेष एहतियात बरतने को कहा गया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि वे त्योहारों और सदीर् के मौसम को देखते हुए विशेष सावधानी बरतें तथा जिला, स्थानीय प्रशासन, नगर निगम और पुलिस को गृह मंत्रालय तथा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों और मानक संचालन प्रक्रिया को लागू करने के प्रति जवाबदेह बनाए। साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है। दिशानिर्देशों में राज्य सरकारों से सामाजिक और धार्मिक समारोह में शामिल होने वाले लोगों की संख्या सौ तक सीमित रखने और जरूरत पड़ने पर इससे भी कम करने को कहा गया है।
जून में हुई थी अनलॉक 1.0 की घोषणा
सरकार ने सबसे पहले मार्च में कोरोना वायरस माहमारी के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लगाया था। जब संक्रमण अपने चरम पर था। इसके बाद जून में अनलॉक 1.0 की घोषणा की गई थी, जिसके कारण रेस्तरां, शॉपिंग मॉल आदि खुल गए थे, तब से सरकार अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे में खोल रही है।लेकिन हाल ही में विभिन्न शहरों में नए कोविड -19 मामलों की संख्या में वृद्धि के साथ, महामारी के दोबारा फैलने की आशंका है। विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी है कि सर्दियों में स्थिति खराब हो सकती है। इसलिए, सरकार ने लोगों से कोवि़ -19 प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया है।
क्या है फिलहाल भारत में कोरोना की स्थिति?
भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 44,376 नए मामले सामने आए जिसके बाद कुल मामले बढ़कर 92 लाख के पार पहुंच गए। इसके साथ ही ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 86.42 हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 92,22,216 हो गए। आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 से 481 और मरीजों की मौत हो गई जिसके बाद मृतकों की संख्या 1,34,699 पर पहुंच गई। वर्तमान में देश में कोविड-19 के 4,44,746 मरीज उपचाराधीन हैं। यह संख्या मंगलवार के मुकाबले 6,079 अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक उपचाराधीन मरीजों की संख्या लगातार पंद्रहवें दिन पांच लाख से कम रही। यह संक्रमण के कुल मामलों का 4.82 प्रतिशत है।