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सीमा और रेणुका की फांसी रद्द, उल्हासनगर में नए मरीज 163 एक्टिव 1804, अंबरनाथ में नए मरीज 97 एक्टिव 1358, कल्याण-डोंबिवली में नए मरीज 537

💥 उल्हासनगर में नए मरीज 163, एक्टिव मरीज 1804

कोरोना मुक्त 22,748, मृत्यु 650, कुल संख्या 25,202

💥 अंबरनाथ में नए मरीज 97, एक्टिव मरीज 1358

कोरोना मुक्त 21,726, मृत्यु 568, कुल संख्या 23,652

💥 बदलापुर में नए मरीज 72, एक्टिव मरीज 809

कोरोना मुक्त 23,883, मृत्यु 380, कुल संख्या 25,072

💥 कल्याण-डोंबिवली में  नए मरीज 537, एक्टिव 9772

कोरोना मुक्त 1,49,413, मृत्यु 2362, कुल 1,62,030

हीरो बोधा / करण बोधा
13 बच्चों के अपहरण और 9 की हत्या की दोषी
दैनिक उल्हास विकास के 40 वर्षों का सफर मुख्य संपादक 
श्री हीरो अशोक बोधा के विशेष साक्षात्कार में जरूर सुने
मुंबई बॉम्बे हाई कोर्ट ने दो दशक पुराने अपहरण और हत्या के एक चर्चित मामले में दोषी बहनों रेणुका शिंदे और सीमा गवित की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। फांसी की सजा के बाद दोनों बहनों की दया याचिका राज्य सरकार के पास करीब आठ साल से लंबित थी। जिसको आधार मानते हुए कोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। रेणुका शिंदे और सीमा गवित को 1990 से 1996 के बीच कोल्हापुर जिले और उसके आसपास के इलाके में 13 बच्चों का अपहरण करने और उनमें से 9 की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। बच्चों के अपहरण और हत्या में दोनों की मां अंजनबाई भी शामिल थी। हालांकि, मुकदमा शुरू होने से पहले ही साल 1997 में मां की मौत हो गई थी। रेणुका शिंदे और सीमा गवित, दोनों बहनें अपनी मां के साथ मिलकर मासूम बच्चों की किडनैपिंग कर उनसे अपराध करवाती थीं और मकसद पूरा हो जाने पर उनकी बेरहमी से हत्या कर देती थीं। पकड़े जाने तक तीनों महिलाएं 13 बच्चों की किडनैपिंग और 10 बच्चों की हत्या को अंजाम दे चुकी थीं। मां अंजनीबाई गवित की पकड़े जाने के एक साल बाद ही मौत हो गई थी, जबकि दोनों बहनों को साल 2001 में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। 2001 में कोल्हापुर ट्रायल कोर्ट ने दोनों बहनों को मौत की सजा सुनाई थी, और 2004 में हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। इसके बाद साल 2006 में मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा जहां न्यायालय की ओर से अपील को खारिज कर दिया गया था। इसके बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई गई थी, जिसे 2014 में खारिज कर दिया गया था। 
राष्ट्रपति के पास से दया याचिका खारिज होने के करीब 8 साल बाद दोनों बहन एक बार फिर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। दोनों बहनों ने हाई कोर्ट के सामने दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से फांसी पहर मुहर लगने और राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका खारिज होने के बीच करीब आठ तक इतंजार करना पड़ा। दोनों बहनों में आठ साल के समय को अनुचित बताया और दलील दी कि इस दौरान उनको अत्यधिक मानसिक यातना झेलनी पड़ी। प्रक्रिया के अनुसार, एक बार जब सुप्रीम कोर्ट मौत की सजा की पुष्टि करता है, तो दोषी भारत के राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर कर सकता है, क्षमा मांग सकता है। राष्ट्रपति के समझ दया याचिका दायर होने के बाद राज्य सरकार की राय मांगी जाती है, जिसके आधार पर राष्ट्रपति फैसला लेते हैं।
हाई कोर्ट ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा 'तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद जिनमें दया याचिकाओं के निपटारे में सात साल, दस महीने और 15 दिन की देरी हुई है, हम पाते हैं कि इसके लिए पूरी तरह से अधिकारी, सरकारें, खासकर राज्य सरकार जिम्मेदार है।' हाई कोर्ट ने दोनों बहनों की याचिका पर सुनवाई 22 दिसंबर को पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिया था। जिसके बाद आज कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुना दिया है।
उल्हासनगर में 163 नए मरीज
उल्हासनगर। उल्हासनगर महानगरपालिका क्षेत्र में आज 163 नए कोरोना पाॅजिटीव मरीज मिलने से कोरोना ग्रस्त मरीजों की कुल संख्या 25,202 हो गई है। मृतकों की कुल संख्या 650 हो गई है। आज 291 मरीज डिस्चार्ज किए गए हैं जिससे कोरोना मुक्त मरीजों की संख्या 22,748 हो गई है। रिकवरी प्रतिशत 90.26 बताया गया है। वहीं 1804 एक्टिव मरीजों का ईलाज शहर के बाहर के अस्पतालों में 119, होम आयसोलेशन में 1573 व अन्य मरीजों का ईलाज निजी व सरकारी अस्पतालों में चल रहा है। उल्हासनगर-1 में आज 18, उल्हासनगर-2 में 5, उल्हासनगर-3 में 24, उल्हासनगर-4 में 81 और उल्हासनगर-5 में 35 नए कोरोना के मरीज मिले हैं। उल्हासनगर में वैक्सीन लगाने का कार्य जारी है। शहर में अब तक 5 लाख 77,726 लोगों ने वैक्सीन लगाई है। 20,342 फ्रंटलाईन वकर्स ने कोरोना का डोज लिया है। 18 वर्ष से अधिक 3,40,673 तथा 45 वर्ष से अधिक 2,04,077 लोगों ने कोरोना का डोज लिया है। 15 से 18 वर्ष के 11,802 बच्चों ने वैक्सीन का डोज लिया है।
अंबरनाथ में 97 नए मरीज
अंबरनाथ। अंबरनाथ नगरपालिका क्षेत्र में आज केवल 97 ही कोरोना रोगी मिले हैं। जिससे कोरोना ग्रस्त मरीजों की कुल संख्या 23,726 हो गई है। 91.85 प्रतिशत के साथ आज तक 21,726 मरीज स्वस्थ होकर घर गए हैं। 5.74 प्रतिशत के साथ एक्टिव रोग अब 1358 हैं। मृतकों की कुल संख्या 568 हो गई है। शहर में कोविड 19 टेस्ट की टेस्ट करने वालों की संख्या 1,41,003 पहुंच गई है। आज 458 लोगों ने टेस्ट कराया है जिसमें 361 नेगेटिव और 97 पाॅजिटीव हैं। अंबरनाथ में अब तक 2,18,371 लोगों ने वैक्सीन लिया है।
बदलापुर में 72 नए पाॅजिटीव
बदलापुर। कुलगांव-बदलापुर नगरपरिषद क्षेत्र में आज 72 नए पाॅजिटीव मरीज मिले हैं जिससे कोरोना ग्रस्त मरीजों की कुल संख्या अब 25,072 हो गई है। मृतकों का 1.52 प्रतिशत के साथ मरने वालों की संख्या 380 हो गई है। यहां पर 94.84 प्रतिशत मरीज ठीक हुए हैं 23,883 मरीज कोरोना मुक्त अब तक हो चुके हैं। 3.64 प्रतिशत के साथ एक्टिव मरीजों की कुल संख्या अब 809 है। जिनका ईलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। अब तक 91,359 लोगों का स्वेब टेस्ट हुआ है। आज कोरोना की रिपोर्ट में 141 नेगेटिव और 72 पाॅजिटीव पाए गए हैं।
कल्याण-डोंबिवली में 537 नए पाॅजिटीव3 की मौत
कल्याण। कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका क्षेत्र में आज कुल 537 कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि की गई है। जिससे कोरोना मरीजों की कुल संख्या 1,62,030 तक जा पहुंची है इनमें 9772 मरीजों का उपचार चल रहा है तो वहीं 1,49,413 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं, आज 3 मरीज की मौत के बाद मरने वालों की संख्या 2362 तक पहुंच गई है। 947 मरीज पिछले 24 घंटे के भीतर विभिन्न अस्पतालों से डिस्चार्ज भी हुए हैं। मनपा क्षेत्र के कल्याण पूर्व में 69, कल्याण पश्चिम में 188, डोंबिवली पूर्व में 173, डोंबिवली पश्चिम में 84, मांडा टिटवाला में 11, पिसवली में 4 तथा मोहना में 8 नए मरीज कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
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