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आखिर उल्हासनगर में कोरोना वायरस 100 पार पहुंचा, बेपरवाह लोग, लापरवाह प्रशासन

शनिवार को मिले 11 नए कोरोना पॉजिटीव, कुल 103 मरीज
   उल्हासनगर। उल्हासनगर शहर में जहां मार्च-अप्रैल में केवल 10 कोरोना के मरीज थे आज उस शहर में कोरोना का आकड़ा 100 पार पहुंच गया है। शनिवार सुबह को 11 नए मरीज मिलने से शहर में कोरोना ग्रस्त मरीजों की संख्या 103 हो गई है। जिनमें से 5 की मौत, 15 ठीक हुए है जबकि 83 लोगों का उपचार अस्पताल में चल रहा है।
   मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार शाम तक कुल 93 मरीज उल्हासनगर मनपा ने बताए थे। शनिवार को उल्हासनगर-3 के चोपड़ा कोर्ट के पीछे ईगल कंपनी कार्यालय के पास जिस दूध विक्रेता को कोरोना हुआ था उसके संपर्क में उसके 5 परिजनों को कोरोना बाधित हुआ है। वहीं कैम्प 3 के शांतिनगर के खन्नी कंपाऊड से तीन और भी कोरोना मरीज मिले हैं। साथ ही कैम्प 4 के आदर्श नगर धोबीघाट में एक व्यक्ति को कोरोना हुआ है वहीं संभाजी नगर में दो कोरोना ग्रस्त मरीज मिले हैं। सभी मरीजों का ईलाज कोविड व कामगार अस्पताल में चल रहा है। कोविड अस्पताल में केवल 50 मरीजों की संख्या होने के कारण यहां पर 100 बेड और बढ़ाने की कवायद चल रही है।
   उल्हासनगर शहर ऐसा पहला शहर था जो देशभर में लॉकडाऊन से पूर्व पूरी तरह बंद कर दिया गया था फिर भी उल्हासनगर शहर में यह रोग क्यों फैल रहा है? यह रोग मुंबई से ही आया है लेकिन अगर जब लॉकडाऊन के दौरान शहर बंद हुआ था तो सीमाओं को सील करने और मुंबई से आने जाने वालों को रोकने अथवा उनका जानकारी डाटा मनपा प्रशासन ने रखा होता तो शायद यह बीमारी आज 100 पार नहीं जाती। वहीं मनपा प्रशासन की लापरवाही के साथ-साथ लोगों की भी इसमें बड़ी भूमिका है शहर में आज भी लोग बिंदास ऐसे घूम रहे हैं जैसे शहर में कोरोना है ही नहीं। बेपरवाह लोग और लापरवाह प्रशासन के कारण शहर में कोरोना के मरीजों का आकड़ा और भी बढ़ सकता है। मनपा प्रशासन लोगों के स्वैब समय पर नहीं लेने और समय पर एम्बूलैंस मुहैया नहीं कराए जाने से भी यह रोग फैल रहा है। इस महामारी में टोल फ्री नंबर पर एम्बूलैंस शहर में कहीं भी 10 मिनट के भीतर पहुंचने जैसे कार्य हर प्रभाग में होने चाहिए ताकि शहर में इसे रोका जा सके। शहरवासी इस तरह बेपरवाह रहेंगे तो यह रोग और बढ़ेगा और लॉकडाऊन से नहीं निकल पाएगा।
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