मनपा के टाऊन हाॅल को कोविड सेंटर के लिए इस्तेमाल किया जाए
मंगलवार को मिले पांच नए मरीज, सभी महिलाएं
मंगलवार को मिले पांच नए मरीज, सभी महिलाएं
उल्हासनगर। उल्हासनगर शहर में मंगलवार को पांच नए कोरोना ग्रस्त मरीज मिले हैं जिससे अब शहर में कोरोना ग्रस्त मरीजों की संख्या 214 हो गई है। 10 मरीजों के आज कोरोना मुक्त होने के चलते उन्हें डिस्चार्ज मिला है। अब तक कुल 81 मरीज कोरोना मुक्त हो चुके हैं। शहर में कुल 124 एक्टिव कोरोना मरीजों का ईलाज अस्पताल में चल रहा है। ऐसी जानकारी महापालिका आरोग्य अधिकारी डाॅ. मोहनालकर ने प्रेस विज्ञप्ति द्वारा दी है।
विज्ञप्ति के अनुसार उल्हासनगर शहर में मंगलवार को उल्हासनगर-3 स्टेशन रोड स्थित सेक्शन 22, कंवरराम चौक के पास 24 व 28 वर्षीय युवती कोरोना पाॅजिटीव पायी गई है। उल्हासनगर-4 स्थित स्कूल नं.14 के पास एक 36 वर्षीय महिला कोरोना बाधित हुई है। वहीं उल्हासनगर-5 के रविंद्र नगर से 75 व 42 वर्षीय महिला कोरोना ग्रस्त पायी गई है। इस तरह आज 5 महिलाएं कोरोना बाधितओं को उल्हासनगर-4 के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंगलवार को 10 कोरोना के मरीजों को डिस्चार्ज दिया गया है। अब तक 81 कोरोना मुक्त हो चुके हैं। 9 लोगों की मौत हुई है। जबकि 124 एक्टिव मरीजों का ईलाज अस्पताल में चल रहा है। उनमें से 8 मरीज आक्सिजन व वेंटीलेटर पर हैं। 91 मरीजों में कोरोना के कम लक्ष्ण हैं जबकि 17 मरीजों में कोरोना के लक्षण अधिक हैं। कैम्प 4 के कोविड अस्पताल में 58 और कामगार अस्पताल में 60 मरीजों का ईलाज चल रहा है। ठाणे में 2, कल्याण में 2, भिवंडी में 1 और कामा अस्पताल मुंबई में उल्हासनगर का एक कोरोना मरीज एडमिट है।
सर्वानंद अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाए जाने का विरोध
उल्हासनगर कैम्प 5 के प्रसिद्ध स्वामी सर्वानंद हॉस्पिटल को कोविड के ईलाज के लिए इस्तेमाल किये जाने के प्रस्ताव का विरोध हर सामाजिक, राजनीतिक और व्यावसायिक क्षेत्र से हो रहा है। उल्हासनगर गार्मेंट्स मेन्युफेक्चरिंग असोसिएशन की तरफ से भी उक्त प्रस्ताव का विरोध किया गया है, उल्हासनगर-5 स्थित जीन्स व गाउन मेन्युफेक्चरिंग करने वालों की संस्था के अध्यक्ष गोपी वाधवानी द्वारा विरोध जताते हुए ये जानकारी दी गई की, उल्हासनगर महानगरपालिका स्वामी सर्वानंद हॉस्पिटल को कोविड19 इलाज के लिए इस्तेमाल करना चाहती है इसका हम सभी उल्हासनगर 5 के रहिवासियों के साथ विरोध करते है क्योंकि ये एकमात्र ऐसी हॉस्पिटल है जहाँ रोज हजारों गरीबों का इलाज बहुत ही सस्ती दरों में होता है और कई सारी बीमारियों का इलाज होता है और यहां पर रोज तकरीबन 100 डायलेसिस भी किए जाते है व कई किस्म के रोज ऑपरेशन किए जाते है, अगर यहाँ पर कोविड19 का हॉस्पिटल के लिए इस्तेमाल किया गया तो इस हॉस्पिटल से जो हजारों लोग इलाज करवाते है उन लोगों का क्या होगा?
सरकार ने हाल ही में यह आदेश निकाला है कि सभी प्राइवेट हॉस्पिटल को सरकार अपने इस्तेमाल के लिए ले सकती है और उल्हासनगर में सभी सुविधा से लैस बहुत सारी क्रिटीकेअर जैसी हाॅस्पिटले है उन जैसी सभी हॉस्पिटलों को कोविड19 हॉस्पिटल बनानी चाहिए ना की जहाँ पर गरीबों का इलाज होता है उन हॉस्पिटल को। उन्होंने ये कहा कि हमें तो ये लगता है उन सभी हॉस्पिटलों को जानबुझ कर नहीं लिया जा रहा है जैसे वो सभी गरीबों को लूट सके क्योंकि अगर गरीबों का इलाज करने वाली हॉस्पिटल ही खाली नहीं होगी तो लोग क्रिटीकेयर जैसी हॉस्पिटलों में अपना इलाज कराने के लिए मजबूर हो जाएंगे जहाँ उनको लाखों की कमाई होगी। बहुत जल्द बारिश भी आने वाली है और लोग बीमार भी बड़ी तादात में होते है अगर सर्वानंद हॉस्पिटल में उन लोगों का इलाज नहीं होगा तो वो लोग कहाँ जाएंगे इसलिए हमारी और तमाम उल्हासनगर वासीयों की अपील है की महानगरपालिका इस ओर ध्यान दे और गरीबों को परेशानियों से निजात दिलाए। सर्वानंद अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने में कुछ डाॅक्टरों और नगरसेवकों का निजी स्वार्थ जुड़ा हुआ है। जबकि शहर में मनपा का टाऊन हाॅल मौजूद है उसे कोविड सेंटर में तब्दील किया जा सकता है।