* अंबरनाथ में क्वारनटाईन में रखे गए लोगों को भोजन नहीं
* दै. उल्हास विकास द्वारा आवाज उठाने पर परोसा गया भोजन
* क्वारनटाईन सेंटर में रखे गए मरीजों का हाल बेहाल
अंबरनाथ। युसूफ शेख
अंबरनाथ के ओरचीड इमारत में क्वारनटाईन करके रखे गए लोगों को आज मंगलवार को दोपहर का भोजन 2.30 बजे तक नहीं मिला जिसके कारण यहां रखे गए बच्चों का भूख के मारे बुरा हाल हो गया और वह रोने लगे। इस संवाददाता को एवं टीओके अध्यक्ष अजहर कुरैशी को यहां क्वारनटाईन किए गए लोगों के फोन आने पर इस संवाददाता ने तुरंत मुख्याधिकारी श्रीधर पाटणकर एवं विधायक किणीकर को इस बात की खबर की तो तुरंत पौने तीन बजे यहां भोजन दिया गया। ये खबर दिल दुखाने वाली है कि जिन लोगों को नपा प्रशासन क्वारनटाईन करके लाती है उन को सही समय पर भोजन तक नहीं दिया जाता। ये बड़े ही शर्म की बात है। अंबरनाथ नगरपरिषद की लापरवाही का ये कितना बड़ा सबूत है, जबकि क्वारनटाईन किए हुए लोगों को दोपहर एक बजे तक भोजन मिल जाना चाहिए था। मंगलवार को सुबह 8.30 बजे उन्होंने नाश्ता दिया गया था। उसके बाद से यहां पर बच्चे, महिलाएं वृद्ध दोपहर पौने तीन बजे तक भूख से तडपते रहे। ईद के दिन एक 22 वर्षीय युवक की कोरोना से मौत हो गई थी। उनके घर वाले एवं दोस्त कुल मिलाकर 19 लोग कल से यहां पर क्वारनटाईन किए गए हैं। उनका कहना है कि उनका चेकअप तक नहीं किया गया है ना ही उनका 24 घंटे बाद तक स्वेब कलेक्शन किया गया है। कोई डाॅक्टर, नर्स उन तक नहीं पहुंचे हैं। ये नपा प्रशासन की कैसी लापरवाही है जो हमारी समझ से बाहर है। विधायक किणीकर ने इसे एक संगीन मामला करार दिया है जबकि मुख्याधिकारी ने भी इसे गंभीर बताया है।
उल्हासनगर के भी क्वारनटाईन लोगों का हाल बेहाल हो गया है इस गर्मी के कारण कई लोग सुविधा से वंचित है। उनको भी समय पर खाना नहीं मिलने और डाॅक्टरों व नर्सों के ध्यान नहीं देने की बात सामने आ रही है। मनपा प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।