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कोरोनाः मौत को दावत देने वालों पर ड्रोन से नजर रखी जाएं, अब तक शहर में 1 मरीज

       उल्हासनगर। हीरो बोधा
    उल्हासनगर शहरवासी लाॅकडाऊन का पूर्ण रूप से पालन नहीं करते हुए स्वयं मौत को दावत दे रहे हैं। शहर के हर कोने में हर उम्र के लोग ठाणे जिलाधिकारी के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। गलियों व टैरेस पर बच्चे व बड़े किक्रेट खेल रहे हैं उन्हें मां-बाप भी नहीं रोक रहे, बुजुर्ग सब्जी लेने अथवा सैर पर जा रहे हैं, लोग सब्जी मंडी में भीड़ कर रहे हैं, बिना मास्क घूम रहे हैं, युवक दुपहिया वाहनों पर मटरगश्ती कर रहे हैं गले मिल रहे हैं, इतना ही नहीं शहरवासी रिश्तेदारों को अपने घरों में बुलाकर घरों में ही पार्टी कर रहे हैं जबकि घर में बाहरी मेहमान को बुलाना यानि अपनी मौत को दावत देने बराबर है। जैसे कि बताया गया है कि कोरोना के लक्ष्ण किसी में भी कभी भी पाए जा सकते हैं और जरूरी नहीं उसे खांसी व बुखार हो एक स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति को भी कोरोना हो सकता है। शहर के ज्यादातर लोग इसका पालन कर रहे हैं और जो नहीं कर रहे हैं वो यह समझ रहे हैं कि शहर में कभी कोरोना नहीं आ सकता या उन्हें नहीं हो सकता तो यह उनकी सबसे बड़ी भूल है। कोरोना मानव बम की तरह शहर में तेजी से फैलकर एक के साथ दूसरे को भी अपनी चपेट में ले लेगा। लाॅकडाऊन का उल्लंघन करने वाले यह नहीं समझ रहे हैं कि अगर वो इसी तरह उल्लंघन करते रहे तो लाॅकडाऊन खुलेगा ही नहीं क्योंकि फिर इस बीमारी पर काबू पाना मुश्किल हो जाएगा। उल्हासनगर शहर में जब पहला मरीज मिला था उसके बाद पूरे शहर को बंद करना पड़ा आज करीब 1 माह से शहर में लाॅकडाऊन है। बाहरी शहर से लोग किसी न किसी तरीके से घूस रहे हैं जिस कारण कोरोना किसी भी तरह शहर में आ सकता है। लाॅकडाऊन का मजाक बनाने वाले लोगों पर ड्रोन कैमरे के जरिए नजर रखकर उनपर पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। तभी पूर्ण लाॅकडाऊन का हल निकलेगा।
    ज्ञात हो कि कैम्प 5 हिललाईन पुलिस स्टेशन के पास के निवासी एक 37 वर्षीय व्यक्ति को मुंबई में ही कोरोना संक्रमित पाया गया है यह व्यक्ति मुंबई के खार परिसर स्थित एक अस्पताल में ही कार्यरित था और कई बार अपने घर आ चुका है। उसके परिजनों को क्वारंटाईन में रखा गया उनकी भी कोरोना की जांच कराई गई है जिसमें से उनके भाई की रिपोर्ट नेगेटिव आयी है लेकिन उनके पत्नी की रिपोर्ट आनी बाकी है। वो व्यक्ति अब तक कितनों के संपर्क में आया उसकी जांच चल रही है। वहीं मंगलवार रात को कैम्प 2 से यह खबर आयी कि नेहरू चौक परिसर निवासी 68 वर्षीय महिला पर कोरोना का संदेह है लेकिन पता चला है कि किसी अन्य बीमारी से जूझ रही महिला का ईलाज कुछ दिनों से सेंट्रल अस्पताल में चल रहा था उन्हें कल कैम्प 4 के कोरोना अस्पताल ले गए हैं लेकिन उनमें कोरोना के लक्ष्ण है या नहीं यह तो रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। उनके परिजनों को क्वारंटाईन किया गया है और परिसर को सील कर सैनेटाईजिंग की गई है। 
     शहर में रोजाना कोरोना मरीज मिलने की अफवाह उड़ रही है। सुरक्षा के लिहाज से शहर के कई परिसरों के रास्तों को बंद किया जा रहा है जिस कारण लोग कोरोना के मरीज मिलने की अफवाह फैला रहे हैं। लोगों से अपील है कि कोरोना संबंधित वाट्सअप पर किसी भी तरह की अफवाह फैलाना अपराध है और उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी। अगर लाॅकडाऊन का पूर्ण रूप से पालन नहीं किया जाएगा तो शहर में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। फिलहाल तो एक मरीज का ईलाज मुंबई में ही चल रहा है शेष रिपोर्ट आनी बाकी है। कोरोना यौध्दाओं पुलिस व यातायात पुलिस का इस तपती गर्मी में सराहनीय बंदोबस्त है। महापालिका प्रशासन, डाॅक्टरों व पत्रकार बहखूबी अपना काम कर रहे हैं। कुछ नेता व नगरसेवक ही कार्य कर रहे हैं बाकी अपनी रोटियां सेक रहे हैं। शहर के गुरुद्वारा व प्रमुख मंदिरों एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा बेसहारा के लिए दो वक्त की रोटी का प्रबंध किए हुए हैं। बैंक व अत्यावश्यक सेवा के खुले रहने से फिलहाल लोगों को परेशानी नहीं हो रही है।
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