- घरों में कैद लोगों को टीवी व मोबाईल का ही सहारा
- लाॅकडाऊन के दौरान बिजली बिल माफ की मांग बढ़ी
- रोज कमाने वाले गरीब, कामगार व छोटे व्यापारी दो वक्त की रोटी नहीं जुटा पा रहे
उल्हासनगर। करण बोधा
कोरोना महामारी से देशभर में लाॅकडाऊन के दौरान घरों में कैद लोगों के पास टीवी व मोबाईल ही एक ऐसा साधन है जो उन्हें बांधे हुए है वहीं तपती गर्मी ने भी अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। लोग न तो घरों से बाहर निकल पा रहे हैं और ना ही अंदर बैठ पा रहे हैं क्योंकि उल्हासनगर शहर में बिजली महावितरण विभाग की लापरवाही से उनको बार-बार बिजली खंडित का सामना करना पड़ रहा है। जिससे लोग परेशान हैं। वहीं रोज कमाने वाले गरीब, कामगार व छोटे व्यापारियों का बिजली बिल माफ करने की मांग ने जोर पकड़ा है।
लाॅकडाऊन को करीब 40 दिन पूरे हो रहे हैं इतने दिनों से कैद शहरवासियों को घरों में टीवी व मोबाईल का ही सहारा है जो बिजली के उपकरण है वहीं इस तपती गर्मी में अगर फैन भी न चले तो उस व्यक्ति की क्या हालत होगी। शहर में आए दिन रोजाना बिना कारण के बिजली को खंडित किया जा रहा है। कई घरों के फैन खराब हो चुके हैं, इनवरटर खराब हो चुके है कई अन्य बिजली के उपकरण भी खराब हो चुके हैं लेकिन लाॅकडाऊन के कारण वो उनकी मरम्मत नहीं कर पाए हैं ऊपर से बिजली विभाग बिना किसी सूचना दिए बार-बार असमय बिजली बंद कर रहा है। कई क्षेत्रों में लोड कम ज्यादा की समस्या के चलते बिजली उपकरण खराब भी हो रहे हैं एक परिवार के सारे ट्यूब लाईट खराब हो चुके हैं वो रात को अंधेरे में बैठने को मजबूर हो गए हैं। इसका जिम्मेदार बिजली विभाग ही है क्योंकि बिजली के बिल तो कम नहीं होते उल्टा ज्यादा ही आते हैं इसलिए बिजली बिल माफ करने की मांग ने जोर पकड़ा है।
ज्ञात हो कि उल्हासनगर मनपा आयुक्त को इस गर्मी के दौरान फैन के व्यापारियों ने दुकानें खोलने की अनुमति मांगी थी जिसे आयुक्त ने सुरक्षा के लिहाज से नकार दिया है। घरों में कैद लोगों को पानी की तो परेशानी नहीं हो रही लेकिन बिजली की आंख-मिचौली से लोग परेशान हैं क्योंकि अप्रैल-मई महिने में सबसे अधिक गर्मी होती है। यह तापमान 35 से 40 तक पहुंच रहा है। इस गर्मी में लोगों को फैन की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है और बार-बार बिजली खंडित होने से उनका कहना है कि अब यह गर्मी ही हमें मार देगी। जय झुलेलाल सेवा संघर्ष समिति के दीपक मंगतानी तथा यूटीए कार्याध्यक्ष दीपक छतलानी ने बिजली विभाग से मांग की है कि इस लाॅकडाऊन के दौरान बिजली खंडित न करें क्योंकि लोग पहले से ही घरों में परेशान हैं उन्हें और परेशान न किया जाए। इस तपती गर्मी में सबसे ज्यादा भयंकर हालत छोटे घरों में रहने वाले लोगों की होती है जहां अगर फैन भी नहीं चलेगा तो वो सांस कहां से लेंगे। कई समाजसेवियों ने बिजली बिल माफ करने की भी मांग सरकार से की है। क्योंकि गरीब व छोटे व्यापारी जो रोज कमाकर खाते हैं वो पूरी तरह लाचार हो चुके हैं, उनकी दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से निकल रही है ऐसे में बिजली बिल दोहरी मारी होगा।