मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने बांद्रा स्टेशन पर हुई घटना को शर्मनाक और सरकार की विफलता बताते हुए कहा, ” बांद्रा की घटना बेहद चिंताजनक है। हम पहले दिन से सरकार से कह रहे थे कि वे उन मजदूरों के लिए कुछ व्यवस्था करें जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं। राज्य सरकार को यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि वे सभी को भोजन और राशन कैसे प्रदान करेंगे।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ” राज्य सरकार मजदूरों की व्यवस्था करने में विफल रही। इसीलिए हमें आज इतनी शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा कि भारी तादाद में मजदूर आए और कहा कि या तो हमें खाना मुहैया कराओ या फिर घर-भेजो, यह सब हुआ बांद्रा में, सरकार की नाक के नीचे.”
दरअसल मंगलवार शाम साढ़े चार बजे मुंबई के बांद्रा स्टेशन में प्रवासी मजदुर हजारों की संख्या में जमा हो गये थे और अपने अपने घरों में भेजने की मांग करने लगे. लॉक डाउन के दौरान इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जमा होने से प्रशासन पुलिस के हाथ फूल गए. वहीं भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज का उपयोग किया हैं.
लोगों को मैसेज कर बताया गया: पूनम महाजन
मुंबई से सांसद और भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इसको बड़ी साजिस बताते हुए कहा कि, ” महाराष्ट्र सरकार मजदूरों को खाना देने में पूरी तरह विफल हो गई हैं, लोगों को फ़ोन में मैसेज कर यहां बुलाया गया हैं. यह एक बड़ी साजिस हैं.”
केंद्र ने मजदूरों के लिए नहीं किया इंतज़ाम: आदित्य ठाकरे
बांद्रा स्टेशन पर जमा हुई भीड़ पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा हैं. उन्होने ट्वीट करते हुए कहा, ” बांद्रा स्टेशन की मौजूदा स्थिति बनी है, केंद्र सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए घर वापस जाने के रास्ते की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं होने का एक परिणाम है।”
आदित्य ठाकरे ने कहा, ” जिस दिन से ट्रेनों को बंद किया गया है, उसी दिन से, राज्य ने ट्रेनों को 24 घंटे और चलाने का अनुरोध किया था, ताकि प्रवासी श्रमिक घर वापस जा सकें।” उन्होंने कहा, ” CM उद्धव ठाकरे जी ने इस मुद्दे को PM- CM वीडियो में उठाया और साथ ही प्रवासी श्रमिकों के लिए एक रोडमैप का अनुरोध किया था.”
पर्यटन मंत्री ने कहा, ” केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित एक पारस्परिक रोड मैप काफी हद तक प्रवासी श्रमिकों को एक राज्य से दूसरे राज्य में सुरक्षित और कुशलतापूर्वक घर पहुंचाने में मदद करेगा। समय समय पर इस मुद्दे को केंद्र के साथ उठाया गया है।”
ठाकरे ने कहा, ” गुजरात के सूरत में कानून और व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक एक समान स्थिति के रूप में देखी गई है और सभी प्रवासी श्रमिक शिविरों से प्रतिक्रिया समान है। कई खाने या रहने से इंकार कर रहे हैं। वर्तमान में महा में विभिन्न आश्रय शिविरों में 6 लाख से अधिक लोगों को रखा गया है।”