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हेड कांस्टेबल की कोरोना संक्रमण से मौत, मुंबई के 4 अस्पतालों ने एडमिट करने से कर दिया था इनकार

मुंबई। कुर्ला ट्रैफिक डिविजन में तैनात 57 वर्षीय हेड कांस्टेबल शिवाजी नारायण सोनवाने की कोरोना के कारण मौत हो गई। उन्हें मुंबई के एक नहीं, चार-चार अस्पतालों ने एडमिट करने से इनकार कर दिया था। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद अंत में परेल स्थित किंग एडवर्ड्स मेमोरियल में इलाज के आईसीयू में उन्हें एडिमट किया गया था।
बीते 48 घंटों में मुंबई पुलिस में यह कोरोना से तीसरी मौत है। आपको यह भी बता दें कि अभी तक 50 से अधिक पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एचटी से बात करते हुए कहा कि हेड कंस्टेबल का कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। उन्हें केईएम अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया। उन्हें पहले से ब्लड प्रेशर की शिकायत भी थी।
मृतक हेड कांस्टेबल शिवाजी नारायण सोनवाने के बेटे ने बताया कि 21 अप्रैल को चार अस्पतालों ने कोरोना वायरस के लक्षण होने के बावजूद उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया। वह राजावाड़ी हॉस्पिटल गया, जहां पहुंचने पर उन्हें बुखार था। डॉक्टरों ने देखने के बाद होम क्वारंटाइन में रखने के लिए कहा। जब डॉक्टर से भर्ती करने के लिए कहा तो उन्होंने बेड नहीं होने और और कस्तूरबा हॉस्पिटल ले जाने की बात कही। 
इसके बाद शिवाजी नारायण सोनवाने का बेटा उन्हें लेकर कस्तूरबा अस्पताल पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने उन्हें ऑक्सीजन दी। इसके बाद वहां डॉक्टरों ने नैयर अस्पताल ले जाने के लिए कहा। साथ ही कांस्टेबल के बेटे ने यह भी बताया कि अस्पताल ने जांच के लिए स्वैब तक नहीं लिया। उसने रहा कि नैयर अस्पताल में भी प्रबंधन ने कहा कि बेड नहीं है और इस कारण से इलाज नहीं किया। इसके बाद नैयर अस्पताल के कहने पर कांस्टेबल को लेकर उनका बेटा केईएम अस्पताल पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने पहले एडमिट करने से इनकार कर दिया। तंग आकर उसने पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद हेड कांस्टेबल को आईसीयू में रात के 11 बजे के करीब एडमिट किय गया।
बेटे ने आरोप लगाया कि मेरे पिता ने 28 साल पुलिस में नौकरी की है। उनके साथ जो भी गलत हुआ है इसके जिम्मेदार डॉक्टर हैं। मुंबई क्राइम ब्रांच में तैनात हेड कांस्टेबल के भाई ने कहा कि परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं, जो कि कुरला के कामानी स्लम में रहते हैं। बड़ा बेटा सीसीटीवी ऑपरेटर का काम करता है। बीएमसी के डिप्टी हेल्थ ऑफिसर डॉ. दीक्षा शाह ने कहा कि शुक्रवार को बताया गया है कि उनकी हालत स्थिर है। परिजनों की शिकायत का हॉस्पिटल के डीन जवाब देंगे।
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